लखनऊ: राजधानी में अब 28 छोटे बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गए हैं। हाल ही में 11 ऑक्सीजन प्लांट की टेस्टिंग पूरी हो गई। एक सप्ताह से तेजी से बढ़ रहे कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए तेजी से इन सभी प्लांट की टेस्टिंग कर देखा गया कि ये कार्य कर रहे हैं या नहीं। इन प्लांट को लगाने के प्रयास पिछले साल मई में शुरू हुए थे। तत्कालीन प्रभारी जिलाधिकारी ने कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया था।पिछले साल मई में निर्बाध ऑक्सीजन की सप्लाई के लिये 9 करोड़ 64 लाख 20 हजार रुपये के सप्लाई ऑर्डर किए गए। इनमें ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ऑक्सीजन जनरेटर, ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट के लिए विभिन्न कंपनियों को तत्कालीन प्रभारी डीएम रौशन जैकब ने तुरंत ऑर्डर की सप्लाई का निर्देश दिया था। तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में बाहर से आने वाली ऑक्सीजन पर निर्भरता न्यूनतम करने के प्रयास शुरू हुए थे।
तैयारी तो 50 प्लांट की थी।
पिछले वर्ष जो जिला प्रशासन ने जानकारी दी थी उसके अनुसार 10 लीटर प्रति मिनट क्षमता के 200 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, सभी सामुदायिक केन्द्रों और कोविड अस्पतालों में 21 ऑक्सीजन जनरेटर, 45 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले 20 ऑक्सीजन जनरेटर, 50 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला एक ऑक्सीजन जनरेटर मंगवाया जाना था। इसके अलावा अधिक क्षमता वाले आठ ऑक्सीजन प्लांट खरीदे जाने थे।
प्रशासन का पक्ष
जितने ऑक्सीजन प्लांट दूसरी लहर के बाद प्रस्तावित हुए थे, सभी लग गए हैं। उनकी टेस्टिंग पूरी की जा चुकी है। किसी भी परिस्थिति के लिए अस्पताल तैयार हैं।
अभिषेक प्रकाश, डीएम