नयी दिल्ली आईबीसी ग्लोबल न्यूज नेटवर्क – उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) आत्मनिर्भर भारत के विज़न को पूरा करने के लिए सरकार की आधारशिला है। इसका उद्देश्य घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को वैश्विक रूप से स्पर्धी बनाना और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में घरेलू चैम्पियन बनाना है। इस योजना के पीछे की रणनीति इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देना और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना है।
1 अप्रैल, 2020 को बड़े आकार के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना अधिसूचित की गई थी। यह योजना मोबाइल फोन और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों सहित ‘लक्ष्य वर्ग’ के तहत कवर किए गए विनिर्मित वस्तुओं की शुद्ध वृद्धिशील बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि देती है। इस योजना के तहत कुल परिव्यय 38,645 करोड़ रुपये है। इस योजना के अंतर्गत 16 कम्पनियों यानी मोबाइल फोन श्रेणी की 5 वैश्विक कम्पनियों (चालान मूल्य 15,000 रुपये और उससे अधिक), 5 घरेलू कम्पनियों और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के अंतर्गत 6 कम्पनियों को मंजूरी दी गई थी।