नयी दिल्ली – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से गोवा में आयोजित जी20 ऊर्जा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। सम्मेलन में भाग लेने आए गणमान्य व्यक्तियों का भारत में स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा का उल्लेख किए बिना भविष्य, स्थिरता, वृद्धि और विकास के बारे में की जाने वाली कोई भी चर्चा अधूरी ही होगी क्योंकि यह व्यक्ति और राष्ट्र के विकास को सभी स्तरों पर प्रभावित करती है।
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन के संदर्भ में भले ही हर देश की एक अलग वास्तविकता और उसका एक अलग मार्ग है, लेकिन मेरा यह दृढ़ मत है कि हर देश के लक्ष्य समान हैं। हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन के मामले में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने बताया कि भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन फिर भी वह अपनी जलवायु संबंधी प्रतिबद्धताओं की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने गैर-जीवाश्म स्थापित विद्युत क्षमता के अपने लक्ष्य को निर्धारित समय से नौ साल पहले ही प्राप्त कर लिया है और उसने अपने लिए एक ऊंचा लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि देश 2030 तक 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता हासिल करने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में से एक है।” उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कार्यसमूह के प्रतिनिधियों को पावागढ़ सौर पार्क और मोढेरा सौर गांव का दौरा करके स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के स्तर और पैमाने को देखने का मौका मिला।