असम सरकार ने बेटियों को किया जिहादी मुल्लों-काजियों से मुक्त, शेष राज्य भी बढ़ें आगे-विनोद बंसल,राष्ट्रीय प्रवक्ता,विहिप

नई दिल्ली/ 30 अगस्त 2024 :: कल यानि गुरुवार का दिन असम की बेटियों के लिए ऐतिहासिक था, क्योंकि कल गुरुवार को असम की हिमंता विश्व शर्मा सरकार ने असम में मुस्लिम शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है.इससे राज्य की बेटियां को मुल्ले काजी और उनका शारीरिक उत्पीड़न करने वाले जिहादियों व समाज कंटकों से मुक्ति मिलेगी। इसके माध्यम से बाल विवाह और काजी सिस्टम खत्म होने पर महिला अत्याचारों पर रोक और नारी सशक्तिकरण को बल मिलेगा।

आपको बता दें कि असम विधानसभा ने गुरुवार (29 अगस्त) को मुस्लिम शादियां और तलाक रजिस्टर करने वाले 90 साल पुराने कानून- असम मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1935 को रद्द करने का बिल पास किया। इस बिल का नाम असम कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स बिल, 2024 है।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल में कहा कि वास्तव में, यदि बहुविवाह को भी अपराध घोषित कर दिया जाय तो असम की नारियां व सभ्य समाज आजीवन आपके ऋणी रहेंगे। धन्यवाद @CMOfficeAssam श्री @himantabiswa जी।

शेष राज्य सरकारों को भी नारी कल्याणकारी इस पहल का अनुसरण कर बाल विवाह, बहु विवाह, बहु संतान व हलाला जैसी नारी दोहनकारी कुप्रथाओं पर अंकुश लगा कर सभी नारियों को दत्तक, तलाक, भरण पोषण, संपत्ति में हिस्सा तथा काले बोरे से मुक्ति दिलानी ही चाहिए।

बड़ी बात यह भी है कि इस कानून के माध्यम से बहु विवाह पर रोक लगाने, विवाहित महिलाओं को वैवाहिक घर में रहने, भरण पोषण आदि के अपने अधिकार का दावा करने तथा विधवाओं को अपने पति की मृत्यु के बाद उत्तराधिकार का अधिकार के साथ अन्य लाभ व विशेष अधिकारों के लिए दावा करने में भी सहायता मिलेगी। महिला सशक्तिकरण की दिशा में असम सरकार का निर्णय अभूतपूर्व व अनुकरणीय है.

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Author: ibcglobalnews

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