वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के बाद ASI की रिपोर्ट आ गई। साफ लिखा है कि मौजूदा स्ट्रक्चर (मस्जिद) जहां है वहां पहले भव्य मंदिर था और ये भी लिखा कि मंदिर औरंगजेब के समय तोड़ा गया। मंदिर के हिस्सों का इस्तेमाल हुआ मस्जिद बनाने में।
अब भी कोई बेशर्मी से वर्शिप ऐक्ट याद दिलाए और इसपर दावा ठोके तो समझ जाइए कितना सच है गंगा जमुनी तहज़ीब का दावा।