लखनऊ: 09 सितम्बर, 2024 : उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादन के साथ ही पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त दूध आम जनता को उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। इसलिए सिंथेटिक दूध पर प्रभावी अकंुश लगााने के लिए दूध की जांच विभाग द्वारा कराये जाने के संबंध में प्रस्ताव बनाया जाए और जांच कार्यों के लिए संबंधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर सहयोग लिया जाए। एक सप्ताह का अभियान चलाकर जांच कार्य सम्पादित किया जाए। श्री सिंह ने प्राथमिकता के आधार पर किसानों एवं पशुपालकों को दुग्ध मूल्य का भुगतान करने, दुग्ध समितियों के सुव्यवस्थित संचालन एवं प्रदेश मंे दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के संबंध में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये हैं।
उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। श्री सिंह ने डेयरी विकास को बढ़ावा देने तथा दुग्ध संघों/डेयरी प्लांट्स के संचालन एवं प्रबंधन हेतु तकनीकी जनशक्ति के अभाव के दृष्टिगत पीसीडीएफ की व्यवसायिक गतिविधियों में सहायता और मार्गदर्शन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीसीडीएफ द्वारा मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाए और मित्व्ययिता का ध्यान रखते हुए दक्ष एवं तकनीकी रूप से कुशल विशेषज्ञों की सहायता ली जाए।
श्री सिंह ने कहा कि समितियों के गठन, सुदृढ़ीकरण एवं संचालन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जितनी अधिक संख्या में समितियों का गठन किया जायेगा उतना ही किसानों और पशुपालकों को लाभ होगा और दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी। पीसीडीएफ द्वारा दुग्ध उपार्जन एवं दुग्ध उत्पादों की सभी संभावनाओं पर गंभीरता से कार्य किया जाए और एनडीडीबी से सहयोग स्थापित कर आवश्यक कार्य किया जाए।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को विभाग की योजनाओं की अद्तन स्थिति से अवगत कराया और आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। बैठक मंे पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनन्द कुमार, दुग्ध आयुक्त श्री राकेश कुमार मिश्र, पीसीडीएफ के डा0 मनोज तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।