कन्नौज 25 सितंबर प्रिंस श्रीवास्तव की रिपोर्ट : जिला जेल में उपद्रव कर डिप्टी जेलर व बंदी रक्षकों की हत्या का प्रयास करने वाले 13 बंदियों को सात-सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने इस सभी बंदियों पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।साल 2017 में हुई इस घटना में 35 बंदियों के खिलाफ गुरसहायगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।शासकीय अधिवक्ता कमलेश मौर्या ने बताया कि जिला कारागार अनौगी के जेलर प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने 21 मई 2017 को कोतवाली गुरसहायगंज में मुकदमा दर्ज कराया था कि शाम को जेल में लाॅकिंग प्रक्रिया चल रही थी।
तालाबंदी करवाने के लिए डिप्टी जेलर सुरेंद्र मोहन सिंह,गिरीश कुमार तथा रामऔतार चक्र कार्यालय में मौजूद थे।शाम को सात बजे के करीब 30-35 बंदी गुमटी पर पहुंच गए और एक अन्य बंदी विनोद को मारे पीटे जाने का आरोप लगाने लगे।
डिप्टी जेलर सुरेंद्र मोहन बंदियों से बात कर रहे थे,उसी समय कई बंदियों ने कुर्सी उठाकर सुरेंद्र मोहन के सिर मार दी,जिससे उन्हें गंभीर चोट आई।बंदी डिप्टी जेलर को हत्या की नियत से घसीटते हुए ले गए और पेड़ पौधों को उखाड़कर मारपीट करने लगे।काफी देर तक बंदियों ने जेल में उपद्रव कर मारपीट की, जिसमें डिप्टी जेलर और बंदी रक्षक घायल हो गए थे। मामले की विवेचना करते हुए तत्कालीन चौकी प्रभारी नवीन कुमार सिंह ने बंदियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की तरफ से नौ गवाह पेश किए गए। मंगलवार को एडीजे प्रथम लोकेश वरुण ने बंदी इस्तिखार उर्फ जौनी उर्फ रमेशा,नजर हुसैन उर्फ बाखिर उर्फ पंजाबी उर्फ नत्थू उर्फ जंगली,अजमल, साबिद,मोईन उर्फ तीतर, शारिक उर्फ गोली,शाबिद उर्फ मिथुन, तैयब,महफूज उर्फ मुन्ना, जान निवास उर्फ महफूज, मुनव्वर उर्फ सलमान उर्फ रूलिया,चांदमियां उर्फ अर्जुन व आशिफ को जानलेवा हमले सहित कई संगीन धाराओं में सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।जुर्माने की रकम अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।