लखनऊ – सम्वाददाता – राजधानी की सड़कों पर काला धुंआ उगल रहे 45 हजार पुराने वाहन आरटीओ के रडार पर हैं। ये वो निजी वाहन हैं जिनके पंजीकरण के 15 साल पूरे होने के बाद पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। पुन: पंजीयन नहीं होने से वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं हो पा रही। ऐसे वाहन शहर की हवा के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।