सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर अभी वैज्ञानिक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन दुनिया के तमाम देश डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक होने की आशंका के चलते दहशत में हैं. जबकि ओमिक्रॉन की सबसे पहले पहचान करने वाली डॉक्टर के अलावा अन्य जानकारों ने इसे ‘सुपर माइल्ड’ म्यूटेशन बताया है. ओमिक्रॉन की सबसे पहले पहचान करने वाली डॉक्टर ने भी कहा था कि जिन चार मरीजों में सबसे पहले यह वैरिएंट मिला उनमें मामूली लक्षण थे और बहुत जल्दी ही सही भी हो गए थे. उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई थी.
वहीं अब WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन से अब तक मौत का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इसी वजह से कोरोना वायरस विशेषज्ञ आश्वस्त हैं कि नया ओमिक्रॉन वैरिएंट ‘सुपर माइल्ड’ है. यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ कई देशों से यात्रा प्रतिबंध हटाने और बड़े पैमाने पर डर और अफवाह को खत्म करने की अपील कर रहा है. WHO का कहना है कि डर के बजाय सावधानीपूर्वक आशावादी रहें क्योंकि दक्षिण अफ्रीका की सभी रिपोर्ट्स से पता चलता है कि नया ओमिक्रॉन वैरिएंट पिछले डेल्टा संस्करण की तुलना में ज्यादा घातक नहीं है.