नई दिल्ली, 13 दिसंबर। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कायस्थ 19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम में अपनी सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों को अपनी ताकत का एहसास दिलाने के लिए शक्ति का प्रदशर्न करेगा।
श्री प्रसाद ने यहां द फॉरेन कोरेस्पोंडेंटस क्लब ऑफ साउथ एशिया में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कायस्थ समाज को अपने गौरवशाली इतिहास को फिर से दोहराने का वक्त आ गया है। उन्होंने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का नारा देते हुए कहा कि देश और विदेश से लाखों की संख्या में कायस्थ अपनी एकजुटता और ताकत का अहसास दिलाने के लिए 19 दिसंबर को राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कूच करेगा। राजनीति अस्पृश्य नहीं है, देश और समाज का भविष्य यही तय करेगी, इसलिए जरूरी है कि कायस्थ समाज राजनीति में भी सक्रिय हो और अपने हिस्से का हक मांगे।इस अवसर पर जीकेसी का नेशनल ऐंथम लॉन्च किया गया।
ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के 5000 साल का इतिहास देखेंगे तो कायस्थ समाज की हर काल के शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भूमिका के उदाहरण दृष्टिगोचर हो जाते हैं। कायस्थ समाज ने जरूरत पड़ी तो राष्ट्र की रक्षा में तलवारें भी उठाई है। यहां तक कि स्वाधीनता संग्राम से लेकर आजाद भारत में भी समाज के हस्ताक्षरों ने देश के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन, आज कायस्थ समाज कहीं न कहीं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। इसिलिए समाज को अपनी एकजुटता दिखाने के लिए एक मंच पर आना पड़ा है।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि देश और विदेशों में कायस्थों द्वारा नेतृत्व करने का इतिहीस किसी से छुपा नहीं है। विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद, स्वतंत्रता आन्दोलन के नायक सुभाष चन्द्र बोस या फिर देश में संपुर्ण क्रान्ति के अगुआ जयप्रकाश नारायण, राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री सहित अन्य कई विभुतियों ने देश का न सिर्फ नेतृत्व किया, बल्कि अध्याय बदलने की काम किया है। ऐसे में एकबार फिर संसदीय व्यवस्था में कायस्थों का शिखर पर आना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने अपनी प्रतिभा से सभी बाधाओं को पार कर लिया है, वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन देश में ही अवसरों के लिए देश की राजनीति और प्रशासन में भी भागीदारी आवश्यक है।
जीकेसी दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि समाज को अब व्यापार क्षेत्र के लिए भी खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि देश में कायस्थ समाज के कितने विधायक हैं, राजनीतिक क्षेत्र में समाज का कितना प्रतिनिधित्व है, इसके लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है। इसकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए 19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। क्योंकि आज के संसदीय मुल्यों में गिरावट, बिगड़ती सामाजिक तानाबाना, समाज में असंतोष की भावना को देखते हुए तंत्र के शिखर पर काबिज होने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना बहुत जरूरी हो गया है, जिससे देश में गिरती हुई व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके। ऐसी स्थिति में हम एक बार पुनः अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप कायस्थों को हर क्षेत्र में शिखर पर लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन कर अपनी चट्टानी एकता के साथ-साथ मजबूती का प्रदर्शन करेंगे।
इस अवसर पर अशोक श्रीवास्तव राजीव कांत, अभय सिन्हा, सर्वेश श्रीवास्तव, मानस दास, प्रदीप श्रीवास्तव, प्रजेश शंकर सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।