कन्नौज – बीजेपी ने घोषित किए उम्मीदवार। जाने उन उम्मीदवारों की जमीनी हकीकत। पढ़े निष्पक्ष रिपोर्ट

कन्नौज – बीजेपी ने कन्नौज जिले की तीनों सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इसमे तीरवा सीट से मौजूदा विधायक कैलाश राजपूत, छिबरामऊ से मौजूदा विधायक अर्चना पांडे और कन्नौज सदर से असीम अरुण स्वेच्छिक सेवा निवृत्त आईपीएस अधिकारी को टिकट दिया गया है।

छिबरामऊ की विधायक अर्चना पांडे

अर्चना पांडे पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता स्वः राम प्रकाश त्रिपाठी की पुत्री हैं जो पहली बार बीजेपी की 2017 की लहर में 37 हज़ार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। सपा बेल्ट, ब्राह्मण वोट बैंक और सरकार विरोधी लहर की वजह से जीती श्री मती पांडे को योगी सरकार मे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मंत्रालय खनन का जिम्मा सौंपा गया। उनको राज्यमंत्री बनाया गया।

यहां तक तो सब ठीक था लेकिन क्षेत्र की जनता ने जिसके लिए उनको जिताया था उसमे कहीं ना कहीं कमी देखी गई। विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर उनकी उदासीनता लगातार जारी रही।

2017 में देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरसहायगंज नगर में एक विशाल जन सभा को संबोधित करते हुए वादा किया था कि यहां चिप्स फैक्ट्री लगेगी लेकिन 5 साल बीत चुके हैं कोई योजना आगे नहीं बढ़ी।

छिबरामऊ विधानसभा के नगर गुरसहायगंज रेल्वे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव की मांग सालो से होती आ रही है जिसको मौजूदा विधायक ने केंद्र और राज्य मे बीजेपी सरकार आने पर वादा पूरा करने का आश्वासन दिया था। 5 साल पूरे होने के बाद भी जनता से जुड़ा यह वादा पूरा नहीं हुआ। इस तरह क्षेत्र में स्वास्थ महँगाई, पलायन, किसान से जुड़ी समस्याओं को स्थानीय विधायक ने ध्यान नहीं दिया है।

नगर और गांवों की सड़कों का हाल पूरे विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बुरा है विकास के नाम ना के बराबर कार्य हुआ है।

विधानसभा क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति भी बड़ी समस्या बन कर उभरी जिससे जनता त्रस्त नजर आती है। बीजेपी कार्यकाल में इस विधानसभा क्षेत्र में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ जिससे जनता कह सके कि की रोजगार, महंगाई एवं शिक्षा पर सरकार ने कोई ध्यान दिया हो।

कन्नौज की तीरवा विधानसभा के विधायक कैलाश राजपूत

कन्नौज जिले की तिर्वा विधानसभा क्षेत्र उसकी ग्राउंड रिपोर्ट ये कहती है कि मौजूदा विधायक कैलाश राजपूत समाजवादी पार्टी के सापेक्ष ऐसा कोई भी विकास कार्य पिछले 5 सालों में नहीं किया है जिसका यह गुणगान वहां की जनता से कर सके और सपा शासनकाल की बात करें तो वहां पर सब समाजवादी पार्टी ने मेडिकल कॉलेज पैरामेडिकल कॉलेज आईटीआई और कन्नौज से लेकर तिर्वा तक फोरलेन हाईवे आगरा लखनऊ हाईवे दिया तो मौजूदा बीजेपी सरकार के विधायक हैं ठीक है उनके पास ऐसा कोई भी आधार नहीं है कि वह उन विकास कार्यो को गिना सके जाति के आधार पर हो सकता है कि कुछ आंकड़े बदले लेकिन जो ग्राउंड रिपोर्ट है उससे यही कहा जा सकता है कि बीजेपी और सपा में कांटे की टक्कर है। सपा ने इंजी. अनिल पाल को उम्मीदवार बनाया है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण उम्मीदवार बीजेपी कन्नौज

कन्नौज की सदर सीट जिसमें पूर्व आईपीएस असीम अरुण ने अभी-अभी बीजेपी ज्वाइन की है और उनको उम्मीदवार बनाया गया है असीम अरुण वैसे तो ईमानदार आईपीएस ऑफिसर में उनकी जो है गिनती की जाती है लेकिन जहां तक जनता के मूड की बात कहे तो जमीनी स्तर पर मौजूदा विधायक अनिल दोहरे एडवोकेट है और स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं और आम तौर पर आम आदमी और गरीबों के बीच में उनकी अच्छी पैठ है बार एसोसिएशन का भी उनको समय-समय पर समर्थन मिलता रहता है तो एक बड़ी छवि की बात करें तो असीम अरुण कहीं ना कहीं बीजेपी को फायदा पहुंचाने को फायदा पहुंचाने का कार्य कर सकते हैं लेकिन अगर वोट बैंक की बात करें समाजवादी पार्टी तो मोदी लहर में भी 2017 में समाजवादी पार्टी ने कन्नौज से जीत दर्ज की थी जबकि कन्नौज की ही 2 विधानसभा क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी की करारी हार हुई थी अगर बात करें कन्नौज सदर की तो बीजेपी को कुछ राहत मिलती दिख रही है इस सीट पर लेकिन समाजवादी पार्टी को भी देखना पड़ेगा कि अखिलेश यादव यहां के लिए क्या रणनीति बनाते हैं और कैसे इस सीट को बरकरार रखते हैं यह देखने वाली बात तो है की अगर जहां तक विकास कार्यों की बात करें तो कन्नौज सदर में ऐसा कोई भी अभी तक कार्य नहीं पिछले 5 सालों में सिर्फ जाति और धर्म के नाम पर यहां पर बातें होती रही है और विकास के मामले में पिछले 5 सालों में चाहे वह केंद्र सरकार की तरफ से रही हो या राज्य सरकार की तरफ से रही हो कोई भी विकास कार्य उस तरीके से नहीं हुआ है जिसका कि बीजेपी के लोग महिमामंडन कर सके और जनता के बीच में कह सके कि भारतीय जनता पार्टी ने यह काम कराया। यह आम राय पर आधारित रिपोर्ट है और बाकी जनता डिसाइड करेगी कि किस को विधायक बनाना है और यहां पर भी कहा जा सकता है कि सपा और भाजपा में कांटे की टक्कर है

ibcglobalnews
Author: ibcglobalnews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपना शहर चुनें

× How can I help you?