दिल्ली – जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की गुरुग्राम जोनल यूनिट (जीजेडयू) ने 18 जनवरी, 2022 को जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति को जाली दस्तावेजों के आधार पर कई फर्जी फर्म चलाने और धोखाधड़ी करते हुए 491 करोड़ रुपये की आईटीसी जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
डीजीजीआई की जयपुर जोनल यूनिट द्वारा एक व्यक्ति द्वारा देश भर में विभिन्न व्यक्तियों को दूरस्थ स्थानों से अपना काम करने और डेटा संग्रहीत करने के लिए क्लाउड स्टोरेज सुविधा प्रदान किए जाने के बारे में दी गई ठोस सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए क्लाउड सेवा प्रदाता से बरामद हार्ड डिस्क की जांच की गई। क्लाउड स्टोरेज सुविधा द्वारा प्रदान की जा रही इस हार्ड डिस्क में मौजूद डेटा की जांच से 93 नकली फर्मों की सांठगांठ करने वाले मुख्य संचालक की पहचान सामने आई।
18 जनवरी, 2022 को ली गई तलाशी के दौरान, विभिन्न फर्मों का दिए गए पते पर कोई अस्तित्व नहीं मिला। मुख्य संचालक, जोकि सक्रिय रूप से क्लाउड स्टोरेज सेवा का उपयोग कर रहा था और उक्त फर्मों को चला रहा था, को 18 जनवरी, 2022 को हरियाणा के हांसी से गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान मुख्य संचालक ने अन्य साथियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की। जांच – पड़ताल, सबूतों और दर्ज किए गए बयानों के आधार पर, वह नकली फर्म बनाने के रैकेट का संचालन करने, 93 जाली फर्मों के संदर्भ में माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना 491 करोड़ रुपये की फर्जी एवं अस्वीकार्य आईटीसी चालान जारी करने और इस तरह, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला मुख्य व्यक्ति निकला। इसलिए, उसे 18 जनवरी, 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया और ड्यूटी मजिस्ट्रेट द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।