लखनऊ सम्वाददाता : उत्तर प्रदेश पुलिस की ऑनलाइन एफआईआर का सच जानकर आप हैरान रह जायेगे जीं हाँ मामला ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर का है दिसंबर 2021 मे पीड़ित वरिष्ठ पत्रकार नितिन कुमार ने गलती से UPI के माध्यम से 10000 रुपये एक व्यक्ति के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
पहले उन्होंने उस व्यक्ति को फोन किया और रुपये लौटाने की बात की जिस पर वह व्यक्ति अकाउंट चेक करके बताने को कहा। बार-बार फोन करने पर उसने फोन उठाना बंद कर दिया। बाद में पीड़ित नितिन कुमार गोमती नगर थाने तैनात ASI से मिले और अपना शिकायती पत्र उनको दिया। उन्होंने उसी वक्त उस व्यक्ति से बात की और रुपये लौटने को कहा। क्योंकि ASI और वह व्यक्ति दोनों एक ही जिले के निवासी है तो फोन पर जानपहचान होने लगी। ASI ने शिकायत दर्ज करने के लिए मना कर दिया और कहा कि वह रुपये दे देगा।
पीड़ित ने ASI की मानते हुए कुछ दिन और इंतजार करने का प्रयास किया। लेकिन रुपये नहीं आए। फिर पीड़ित ने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जिससे उसको आस बंधी की निष्पक्ष जांच होकर मुझे 10000 रुपये पुलिस दिलाने का प्रयास करेगी। लेकिन 2 माह बीतने को है ना कोई पुलिस विभाग से फोन आया और ना ही कोई कार्यवाही हुई।
पीड़ित ने बताया कि अब DGP को पत्र लिख कर इसका खुलासा करूगा। जब पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी।