केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उत्तराखंड में युवाओं के बड़े पैमाने पर पलायन को रोकने के लिए कृषि-तकनीकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने का किया आह्वान

देहरादून (PIB Agency) – केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने अपनी उत्तराखंड यात्रा के समापन से पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आज बैठक की। इस दौरान उन्होंने अन्य मुद्दों के साथ, मुख्यमंत्री से उत्तराखंड में कृषि-तकनीक स्टार्टअप को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इसके लिए एक विशाल क्षमता थी। उन्होंने केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में वैज्ञानिक और  औद्योगिक अनुसंधान परिषदसीएसआईआर द्वारा शुरू किए गए अरोमा मिशन के बारे में भी श्री धामी को अपडेट किया।

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डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने श्री धामी से युवाओं के बड़े पैमाने पर पलायन को रोकने के लिए राज्य में एग्री-टेक स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने इस बारे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से हर तरह की मदद का आश्वासन दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों में भूगोल और जलवायु की स्थिति औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के अनुकूल है और इन्हें कृषि-तकनीक और सुगंधित उद्यमों में विकसित किया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर में सीएसआईआर समर्थित अरोमा मिशन की अपार सफलता का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि देवभूमि में इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री को राज्य में नए वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना और देहरादून में मौजूदा भारतीय पेट्रोलियम संस्थान की सेवाओं का विस्तार करने का भी प्रस्ताव दिया।

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने किसानों को लैवेंडर फसल की खेती, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन पर मुफ्त गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री और आरंभ से अंत तक प्रौद्योगिकी पैकेज प्रदान करने के लिए सहायता की पेशकश की। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर इच्छुक युवाओं और किसानों को उत्पाद विकास से लेकर विपणन तक व्यापक सहयोग प्रदान करेगा। मंत्री महोदय ने कहा कि चूंकि अधिक संख्या और छोटे क्षेत्र, सीमांत किसानों के अधीन है, इसलिए अरोमा मिशन के लिए संसाधनों को एकत्रित करके सराहनीय आर्थिक परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

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Author: ibcglobalnews

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