लखनऊ आईबीसी ग्लोबल न्यूज नेटवर्क – कल रात लखनऊ के चर्चित लेवाना होटल अग्निकांड के 19 गुनहगारों पर कार्रवाई का फरमान योगी सरकार ने सुना दिया। जांच का जिम्मा लखनऊ के पुलिस आयुक्त और मण्डलायुक्त के पास था। उसके बावजूद एक भी बड़ा अफसर दोषी नहीं करार दिया गया। सिर्फ एक तत्कालीन पीसीएस का दोष नजर आया। भई लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी उस आलीशान होटल में जन्मदिन की पार्टी मनाते थे। बड़े आईएएस वहां शराब के जाम छलकाते थे। जिन बड़े अफसरों पर कार्रवाई का जिम्मा था। उनकी वहां रंगरलियां चलती थी। फिर निचले स्तर पर किसकी हैसियत, जो कार्रवाई का हंटर चलाता। यूपी की राजधानी के सबसे पॉश इलाके हजरतगंज का ये हाल है। एलडीए जैसे भ्रष्ट प्राधिकरण के एक भी वीसी को आज तक नहीं पकड़ा गया। इन मलाईदार प्राधिकरणों के मुखिया बनने वाले वीसी अरबपति तक बन चुके हैं ।मुख्यमंत्री जी इस अग्निकांड ने चार जानें निगल ली। उनको ऐसी श्रद्धांजलि क्यों?। कार्रवाई ऐसी हो, जो नजीर बने। बड़ों को बख्शने से सिस्टम में गलत कार्य करने के प्रति तनिक भी डर नहीं आएगा। यूं ही न जाने कितने होटलों में आग लगती रहेगी और हमारे,आपके अपने मौत के आगोश में समाते रहेंगे। 2018 में लखनऊ के दो अवैध होटलों में लगी आग ने भी 7 जानें ली थी, किसी भी बड़े पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई। उल्टा उनमे से एक होटल पुनः अवैध रूप से बनकर खड़ा हो गया। जिसे एक दिन पहले सील किया गया है। पीसीएस से आईएएस बने एक आरोपी एलडीए अफसर का नाम आया भी तो उसे सरकार ने एक ज़िले का डीएम बना दिया। धन्य है ऐसा सिस्टम..इसे भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेन्स तो नहीं कहा जायेगा….सत्यमेव जयते