कानपुर आईबीसी ग्लोबल न्यूज नेटवर्क – समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल ने कानपुर देहात में बुलडोजर कार्रवाई के दौरान जिंदा जला कर मां-बेटी की मौत की घटना की जानकारी तथा पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी प्रतिनिधिमण्डल को पुलिस द्वारा जगह-जगह रोके जाने की कड़ी निंदा की है।
श्री पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार चरम पर हैं। सरकार का व्यवहार पूरी तरह से निरंकुश है। सरकार की शह पर अधिकारी और पुलिस अत्याचार की हदें पार कर चुके हैं। पहले सरकार की बुलडोजर नीति के कारण मां-बेटी की हत्या हुई। उसके बाद विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ0 मनोज पाण्डेय के नेतृत्व में घटना स्थल पर जा रहे पार्टी प्रतिनिधिमण्डल को रोका गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव द्वारा गठित समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री अमिताभ बाजपेयी, विनोद चतुर्वेदी, प्रदीप यादव, मोहम्मद हसन रूमी सभी विधायकगण एवं राम प्रकाश कुशवाहा तथा कमलेश दिवाकर पूर्व विधायक, प्रमोद यादव निवर्तमान जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, वेदव्यास निराला पूर्व प्रमुख, बलवान उर्फ मुन्ना, निवर्तमान विधानसभाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, प्रवीण यादव बंटी, निवर्तमान राष्ट्रीय महासचिव यूथ ब्रिगेड शामिल थे।
कानपुर देहात में घटना स्थल पर समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल को जाने से रोकने के लिए सरकार ने तमाम तरह के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक हथकंडे अपनाये। कानपुर जिला प्रशासन ने अपने दुष्कृत्य को छुपाने के लिए सुबह से श्री अमिताभ बाजपेयी विधायक के घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया और बाहर निकलने नहीं दिया। पुलिस प्रशासन ने डॉ0 मनोज पाण्डेय एवं उदय राज यादव पूर्व विधायक और अन्य नेताओं को कानपुर जाते समय जाजमऊ के पहले ही रोक दिया। जिसके बाद मनोज पाण्डेय के नेतृत्व में पार्टी के नेता धरने पर बैठ गए।
इसी तरह से प्रशासन ने प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य कालपी के विधायक श्री विनोद चतुर्वेदी और विधायक प्रदीप यादव को भी घटना स्थल पर नहीं जाने दिया। यह सरकार और पुलिस प्रशासन जनता और विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। पुलिस का रवैया शर्मनाक और निंदनीय है।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि इस काण्ड के आरोपी डीएम, एसडीएम और लेखपाल पर धारा 302 में मुकदमा दर्ज हो, मृतकों के परिजनों को सरकार पर्याप्त एवं उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दे। पीड़ित परिजनों की मांगों को राज्य सरकार को तत्काल पूरा करना चाहिए।