लखनऊ 6 जुलाई 2023 – बाला साहब ठाकरे हिन्दू सेना भारत के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक सचिन कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि देश में समान नागरिक संहिता का विरोध करने वाले भारत के विरोधी है क्योंकि वह देश के नागरिकों को समान अधिकार नहीं देना चाहते जब कि UCC लागू होने से देश के लोगों को समान अधिकार प्राप्त होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि अनेक गण्यमान्य व्यक्तियों का कहना है कि समान नागरिक संहिता धर्म को सामाजिक संबंधों और पर्सनल कानूनों जैसे हिन्दू कोड बिल, शरिया कानून आदि से अलग कर देगी, जो कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के धर्मग्रंथों, परंपराओं और परिपाटियों पर आधारित हैं। इसके स्थान पर व्यक्तिगत मामलों, जैसे विवाह विच्छेद, दत्तक ग्रहण, उत्तराधिकार आदि के व्यक्तिगत मामलों में एक सामान्य कानून लाने से विविध सांस्कृतिक समूहों में सामंजस्य और एकरूपता बढ़ेगी, असमानता समाप्त होगी, महिला अधिकारों का संरक्षण होगा और लिंग समानता आधारित समाज का निर्माण होगा। समान नागरिक संहिता कमजोर वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण तथा एकता के माध्यम से राष्ट्रीयता को बढ़ावा देगी।
इस संदर्भ में आगे क्या हो? किसी भी समुदाय को किसी भी प्रगतिशील विधान पर वीटो करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। समय आ गया है कि अलग-अलग समुदायों के लिए अलग-अलग कानूनों को अस्वीकार किया जाए और संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू कर भारत में सुधार किया जाए। अतीत में ही डूबे रहने से प्रगति नहीं हो सकती। भारत को एक समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। 21वीं सदी में धर्म के आधार पर भारतीय विभाजित नहीं होने चाहिएं।
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