चेन्नई – राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई और इस अवसर पर संबोधन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1857 में स्थापित, मद्रास विश्वविद्यालय को भारत के सबसे पुराने आधुनिक विश्वविद्यालयों में से एक होने का गौरव प्राप्त है। इस विश्वविद्यालय ने ज्ञान के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
165 से अधिक वर्षों की अपनी यात्रा के दौरान, मद्रास विश्वविद्यालय ने शिक्षण के उच्च मानकों का पालन किया है, एक ऐसा वातावरण प्रदान किया है जो बौद्धिक जिज्ञासा और महत्वपूर्ण सोच का पोषण करता है। यह अनगिनत विद्वानों, नेताओं और दूरदर्शी व्यक्तिव के सृजन का एक उद्गम स्थल रहा है, इसने एक प्रकाश स्तम्भ के रूप में भी कार्य किया है, जो भारत के दक्षिणी क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की स्थापना और विकास में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।