वन नेशन वन इलेक्शन आज की स्थिति के अनुसार सबसे बड़ी जरूरत : सचिन श्रीवास्तव एडवोकेट

लखनऊ – ग्रेटर यूपी डेवलपमेंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन वरिष्ठ पत्रकार एवं अधिवक्ता सचिन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तो एक चैनल का कयास है, लेकिन संसद के विशेष सत्र में यदि वन नेशन वन इलेक्शन का बिल सरकार वास्तव में ले आई तो यकीन मानिए देश में राजनैतिक क्रान्ति हो जाएगी! ये रोज रोज के चुनाव, लाखों करोड़ का फालतू खर्च, प्रलोभनों का मायाजाल, सब ध्वस्त हो जाएंगे!

यह ऐसी क्रांति होगी जो देश की दमघोंटू राजनीति को न केवल नया जीवन देगी अपितु देश में भर गई नफ़रत को भी जलाकर राख कर देगी! अभी भले ही कोई सोच न पा रहा हो, पर यह तय है कि आगे चलकर गठबंधनों और आयाराम गयाराम की राजनीति भी सदा सदा के लिए मौत की नींद सो जाएगी!

अब केंद्र ने यदि संसद का खास सेशन घोर चुनाव काल में अचानक बुलाया है तो कोई तो मास्टरस्ट्रोक होगा ही। इसकी घोषणा भी तब की गई जब विपक्षी इंडिया की बैठक मुंबई में हो रही है। यह ठीक है कि प्रधानमंत्री एक देश एक चुनाव की बात कईं बार कर चुके हैं। हाल के वर्षाकालीन सत्र में भी उन्होंने इसका आह्वान किया था। यहां अच्छी बात यह है कि इंडिया गठबंधन के बहुत से बड़े दल भी इसके समर्थक हैं। एक देश एक चुनाव शानदार बिल के रूप में सामने आया तो कांग्रेस भी इसे समर्थन दे सकती है।

ऐसा इसलिए चूंकि पहले पीएम पंडित नेहरू और शास्त्री जी के जमाने में चार चुनाव एक साथ ही हुए थे। वह तो इंदिरा जी के एक्टिव होने पर प्रदेशों की सरकारें भंग की जाने लगी, राष्ट्रपति शासन लगने लगे और लोकसभा विधानसभा चुनाव एक साथ करने का नियम 1967 तक ही चल पाया, टूट गयाम

इंदिरा गांधी ने कभी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने तो कभी कांग्रेस को तोड़ इंदिरा कांग्रेस बनाकर और कभी आपातकाल लगाकर नेहरू के जमाने से चली आ रही तमाम मान्यताओं को तोड़ डाला। इंदिरा जी के कदमों के निशान आज बेहद विकृत रूप में मौजूद हैं। चुनाव दर चुनाव समस्या बन गए हैं। यदि मोदी सरकार चुनाई गाड़ी को फिर से पटरी पर लाना चाहती हैं तो उसका स्वागत सभी दलों द्वारा किया जाना चाहिए। कांग्रेस द्वारा तो जरूर ही जिसने दोनों स्वाद चखाए।

विशेष सत्र में लाने के लिए सरकार के पिटारे में और क्या बड़ा है? क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल और ये दोनों बिल आ गए तो राजनीति में तूफान खड़ा हो जाएगा। अब मोदी सरकार ने छोटा विशेष सत्र बुलाया है और बताया गया है कि पांच बिल लाए जाएंगे। अतः विस्फोटक राजनीति के लिए तैयार रहिए। देखिए 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ अगर तमाम विधानसभाओं के चुनाव करा दिए गए तो यकीनन डॉट डॉट इंडिया की तमाम डॉट्स हवा हो जाएंगी। झटका एनडीए को भी लग सकता है चूंकि घटक तो उसमें भी कम नहीं हैं?

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Author: ibcglobalnews

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