मुंबई में 141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) सत्र के उद्घाटन मे पीएम मोदी हुए शामिल

मुंबई आईबीसी ग्लोबल न्यूज नेटवर्क : स्पोर्ट्स, भारत में हमारे कल्चर का, हमारी लाइफ स्टाइल का, एक important हिस्सा रहा है। आप भारत के गांवों में जाएंगे, तो पाएंगे कि बिना स्पोर्ट्स के हमारा हर फेस्टिवल अधूरा है। हम भारतीय सिर्फ sports lover नहीं हैं, बल्कि हम sports को जीने वाले लोग हैं। और ये हज़ारों वर्षों की हमारी हिस्ट्री में Reflect होता है। Indus Valley Civilisation हो, हजारों वर्ष पहले का वैदिक काल हो, या उसके बाद का Time Period, हर कालखंड में स्पोर्ट्स को लेकर भारत की legacy बहुत समृद्ध रही है। हमारे यहां हजारों साल पहले लिखे ग्रंथों में 64 विधाओं में पारंगत होने की बात कही जाती है।

इनमें से अनेक विधाएं खेलों से जुड़ी हुई थीं, जैसे horse riding, आर्चरी, स्विमिंग, रेसलिंग, ऐसी अनेक स्किल्स को सीखने पर बल दिया जाता था। आर्चरी यानि धनुर्विद्या को सीखने के लिए तो पूरी एक धनुर्वेद संहिता ही लिखी गई थी। इस संहिता में एक जगह कहा गया है-

धनुश चकरन्च् कुन्तन्च् खडगन्च् क्षुरिका गदा।

सप्तमम् बाहु युद्धम्, स्या-देवम्, युद्धानी सप्तधा।

यानि- धनुर्विद्या से जुड़ी 7 प्रकार की स्किल्स आनी चाहिए। जिसमें धनुष-बाण, चक्र, भाला यानी आज का जैवलिन थ्रो, तलवारबाजी, ड्रेगर, गदा और कुश्ती शामिल हैं।

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Author: ibcglobalnews

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