हाँगकाँग/दिल्ली : भारतीय सीमा शुल्क और हांगकांग सीमा शुल्क ने द्विपक्षीय सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के एक अनुकरणीय मामले में हांगकांग स्थित निर्यातकों और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में मौजूद भारतीय आयातकों से जुड़े व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग (टीबीएमएल) के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। यह कार्रवाई एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सरगनाओं को बेनकाब करने के लिए दोनों प्रशासनों द्वारा उनके संबंधित कानूनों के तहत की गई जांच और प्रवर्तन कार्रवाइयों को दर्शाती है।
यह सहयोगी हलचल भारतीय सीमा शुल्क और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा हाल ही में संपन्न प्रवर्तन मामलों में सहयोग के वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीईएम) के ठीक बाद सामने आई है। इस सम्मेलन का विषय ‘नेटवर्क से लड़ने के लिए नेटवर्क की आवश्यकता होती है’ था।
पिछले हफ्ते, हांगकांग सीमा शुल्क ने बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट का पता लगाने के लिए एक प्रवर्तन अभियान चलाया, जिसमें हीरे के व्यापार के जरिए लगभग 65 मिलियन डॉलर काले धन को सफेद किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान, हांगकांग सीमा शुल्क ने हांगकांग के कई क्षेत्रों में आठ परिसरों पर छापा मारा, जिसमें चार आवासीय परिसर और चार वाणिज्यिक इकाइयां शामिल थीं। सीमा शुल्क विभाग ने मामले से जुड़े होने के संदेह में चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनकी कुल 1 मिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त करने की पहले ही व्यवस्था कर ली है। यह कार्रवाई पहले भारत में भारतीय सीमा शुल्क द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाई के आधार पर शुरू की गई थी।
हांगकांग और इससे पहले भारत में हुई गिरफ्तारियों से जुड़ा यह ताजा मामला वैश्विक स्तर पर आपराधिक गिरोहों को एक साफ संदेश देगा कि वे कानून से बच नहीं सकते हैं।